Wednesday, May 2, 2007

भाग - आठ



केतकी ह छेवारी बइठगे। टूरा होइस। मोंगरा बड़ खुसी रहय अपन नवा भतीजा ल पाके। फेर मंगलू के चेत ह काम नइ देवय। कतको कमी मं छेवारी ल त खवानां परही। फेर पइसा...?

मंगलू ल आज रामधन के सुरता आइस। मंगलू अउ रामधन एकेसंग रइपुर में इंगरेजी पढ़े रहिन। ओ बेरा मं मंगलू ह गौंटिया रहिस। अउ रामधन ह दू नागर के किसान के बेटा। फेर आज त रामधन ह गौंटिया होगे हवय। ओखर ददा के मरते ओखर भाग ह अउ सनपनी असन चमक गे हवय। जुन्ना दिन के सुध करत करत मंगलू ह रामधन के दुआरी मेर आगे रहय। ओह हांक पारिस, कसगा रामधन हावस गा। रामधन गोरु मन ल ढिलावत रहय। मंगलू के आवाज ल सुन के बाहर अइस, देखिस मंगलू दुआरी के चउतरा उप्पर बइठे रहय।

रामधन अपन मुंह ल बिदका के किहिस – कसगा, भइया मंगलू, गजब दिन में भेंट होइस गा। अइसने लगथे के तैं दूसर गांव में रइथस। मंगलू ह किहिस – का कहौंगा, रोजी रोटी के फेर मं टेम घला नइ मिलय गा। मेंह ह तोर मेंर असरा में आय हवंव। केतकी ह छेवारी बइठगे हे। खीसा मं एको धेली नइये। थोरको रुपिया के तें मदद कर देते त अभी काम ह त बन जातिस।

रामधन ह इही बात ल डर्रावत रहय। फेर आज त ओह फंस गे रिहिस – ओह, कतेक रुपिया होना तोला। मंगलू ह एक कोरी पांच रुपिया मांगिस। रामधन ह भितरी ले पचीस रुपिया लान के दे दिस।

रुपिया ल खीसा मं धर के मंगलू ह रेंगिस, तइसने रामधन ल छींक परिस। ओह मन मं गुनिस के अब ए रुपिया मोला मिलय निहीं।

जात सगा मन त नजीक नइ आवत रिहिन फेर धूम धड़ाका के बाते नइ रिहिस। मंगलू ह बजार ले छेवारी के खाय के समान अउ ए खुसियारी मं मोंगरा बर दू ठिन लुगरा ले आनिस। भइया के लाने लुगरा ल पहिर के मोंगरा ह अपन भउजी मेंर बइठ के अकेल्ला सोहर गाय लागिस –

नंनदी बलाएव उहू नइ आइस
नंनदी हो हमार का करि लेहव
बहिनी बला के कांके मढ़ाबोन
हम छबीली सबके काम आबोन
नंदोई बलायेन उहू नइ आइन
नंदोई हो हमार का करि लेहव
भांटो बलाके नरियर फोरा लेबोन
हम छबीली सबो के काम आबोन
जेठानी बलायेन उहू नइ आइस
भउजी बलाके सोहर गवाबोन
हम छबीली सबो के काम परबोन
सासे बलायेन उहू नइ आइस
सासे हो हमार का करि लेहव
दाई बलाके ढूढ़ी बटवाबोन
हम छबीली सबो के काम परबोन
जेठ ला बलायेन अऊ नइ आइन
जेठ जी हमार काय करि लेहव
भइया बलाके बन्दूख छुटवाबोन
हम छबीली सबो के काम परबोन
ससुर बलायेन उहू नइ आइन
ससुर हो हमर काय कर लेहव
बाप बलाके नाम धरवाबोन
हम छबीली सबो के काम परबोन
क्रमशः

No comments: